Moral story: तीन भाई
राम, कृष्ण और मोहन तीन भाई थे, वह सभी बहुत गरीब थे, वह एक फैक्ट्री में काम करते थे। एक दिन वह अपने गांव के मंदिर में गए उन्होंने भगवान से प्रार्थना की, कि भगवान उन्हें अमीर बना दे। अचानक उनसे भगवान बात करने लगे।
राम, कृष्ण और मोहन तीन भाई थे, वह सभी बहुत गरीब थे, वह एक फैक्ट्री में काम करते थे। एक दिन वह अपने गांव के मंदिर में गए उन्होंने भगवान से प्रार्थना की, कि भगवान उन्हें अमीर बना दे। अचानक उनसे भगवान बात करने लगे।
यह बदले की भावना भी बड़ी विचित्र है। इन्सान तो क्या जानवर भी इससे अछूते नहीं रह पाते। एक समय की बात है एक घने जंगल में एक गीदड़ और लोमड़ी रहा करते थे। यूं कहने को तो वे मित्र थे।
चाणक्य महान राजनीतिज्ञ और अर्थशास्त्री था। एक अदने ब्राहमण से वह महामंत्री बना था। नंद के अपमान फलस्वरूप उसने प्रतिज्ञा की थी, ‘मैं नंद का वंश-वृक्ष समूल रूप से नष्ट कर दूंगा।’
एक दिन बहुत ज़ोरों की बारिश हो रही थी और बारिश रुक नहीं रही थी। हर कोई अपने घर में बोर हो रहा था। तभी गीती बोली, ‘काश! हम कुछ कर सकते।’ विक्की बोला, ‘हमारे साथ कभी कुछ अलग नहीं हुआ है।’
एक मोची था, जो दिन रात पूरी ईमानदारी के साथ काम करता था। वह मोची बहुत मेहनती था। लेकिन इतनी मेहनत करने के बाद भी वह ज़्यादा पैसे नहीं कमा पाता था। उसके पास जूतों की जोड़ी बनाने के लिए बहुत कम चमड़ा था।
छत्रपति शिवाजी एक कुशल शासक होने के साथ ही साथ अनुशासन प्रिय योद्धा भी थे। अपने किलों की सुरक्षा और सैनिक व्यवस्था के प्रति उनकी सजग दृष्टि रहती थी। उनके किलों में रायगढ़ का किला सबसे महत्वपूर्ण था।
मनजीत के घर में चुनमुन की मीटिंग चल रही थी कि अचानक किशोर अंकल सबको छकाते हुए वहाँ आ पहुँचे, किशोर अंकल को अपने बीच पाकर क्लब के सभी सदस्य हक्का-बक्का रह गये अतः मंटू पूछ ही बैठा- ‘अंकल, आप और यहाँ।’