Jungle Story: बात ऐसे बनी
तोंदूमल हाथी को एक बुरी आदत पड़ गई थी वह हर वक्त अपनी तोंद में कुछ न कुछ भरता ही रहता था। वह जो कुछ खाता, उधार लेकर खाता और किसी के पैसे न देता।
तोंदूमल हाथी को एक बुरी आदत पड़ गई थी वह हर वक्त अपनी तोंद में कुछ न कुछ भरता ही रहता था। वह जो कुछ खाता, उधार लेकर खाता और किसी के पैसे न देता।
सुन्दर वन के राजा बब्बर शेर को अपनी ताकत पर बहुत घंमड हो गया था। वह सुन्दर वन में रहने वाले अन्य पशुओं को बहुत तंग करता था। अगर अकेले दुकेले में कोई पशु सामने पड़ जाता तो बब्बर शेर उस को मार कर खा जाने में परहेज नहीं करता।
हिमाचल के घने जंगल में हाथियों का एक विशाल झुंड रहता था। उन सब में बहुत एकता थी। एक दूसरे की वे सब खूब सहायता करते थे। सबने मिलकर एक बूढ़े हाथी को मुखिया बना रखा था। सब मुखिया की बात मानते थे।
किसी जंगल में एक बहुत पुराना आम का पेड़ था। उस पेड़ के अन्दर एक खरगोश और गिलहरी साथ रहते थे। दोनों रोज़ सुबह खाने के लिए जाते और शाम को वापस आते और उसी पेड़ में रहते।
बंटी बंदर व शंटी लंगूर ने एक मारधाड़ वाली फिल्म देखी, फिल्म में उन्होंने देखा कि किस तरह कुछ डाकुओ ने पिस्तौल दिखाकर कई लोगों को लूटा और चलते बने।
बहुत समय पहले की बात है। एक सुंदर हरे-भरे वन में चार मित्र रहते थे। उनमें से एक था चूहा, दूसरा कौआ, तीसरा हिरण और चैथा कछुआ। अलग-अलग जाति के होने के बावजूद उनमें बहुत घनिष्टता थी।
एक जंगल में एक बहुत बड़ा पेड़ था उस पेड़ पर एक चिड़िया अपने बच्चों के साथ रहती थी उसी पर एक बंदर रहता था बंदर कुछ नहीं करता था। बस सारा दिन खेलना कूदना जो जहाँ मिला वहीं खा लेना और मस्ती करना।