हिंदी प्रेरक कहानी: कौवा पहुंचा नर्सरी स्कूल
यह कहानी उस कौवे के बारे में है जो रोज नर्सरी स्कूल जाया करता था। रोज़ इंटरवल के वक्त बच्चे मैदान में कुछ भोजन के टुकड़े गिरा देते थे। कौवा उनको खाने के लिए मैदान में आता था।
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विजय नगर के राजा कृष्णदेव राय कला के पुजारी थे। उनके दरबार में अक्सर संगीतकार, कलाकार, जादूगर आदि आते रहते थे। राजा इस बात के लिए मशहूर थे कि वे हर कलाकार को अच्छा इनाम देते थे।
अम्मा मोहल्ले की कोई सामान्य वृद्ध महिला नहीं थी। आस पड़ोस के सभी बच्चे और स्त्रियां उन्हे सम्मान पूर्वक अम्मा कह कर सम्बोधित करते थे। वे अपने बेटे और पुत्र वधु के साथ रहती थीं।
जब अमित ने ऐलान किया कि वह एक विदेशी लड़की से विवाह करेगा तो घर में तूफान आ गया। “जिस लड़की से तुम विवाह करने जा रहे हो वह क्रिश्चियन है क्या?
कठिन परिस्थितियों में हम सभी आम तौर पर बाहर से सहायता की अपेक्षा करते हैं। अधिकतर लोग यह नहीं जानते कि समस्या का समाधान उनके स्वंय के अन्दर ही निहित है।
एक समय की बात है राजू नाम का एक लड़का अपनी माँ के साथ रहता था। राजू और उसकी माँ बहुत गरीब थे और राजू की माँ अपना गुज़ारा रोज़ कपड़े सिलाई करके करती थी।
एक छोटे से गाँव में, दो पंद्रह साल के लड़के रहते थे अर्जुन और रितिक। दोनों बहुत अच्छे दोस्त थे और हमेशा साथ में समय बिताते थे। गाँव के सभी लोग उनकी दोस्ती की मिसाल देते थे।