नेल्सन मंडेला की अडिग इच्छाशक्ति: एकता का संदेश
दक्षिण अफ्रीका के इतिहास में एक ऐसा व्यक्तित्व जन्मा, जिसने पूरे विश्व को इच्छाशक्ति, संघर्ष और एकता का सच्चा अर्थ सिखाया। उनका नाम था नेल्सन मंडेला। मंडेला का जीवन प्रेरणादायक है
दक्षिण अफ्रीका के इतिहास में एक ऐसा व्यक्तित्व जन्मा, जिसने पूरे विश्व को इच्छाशक्ति, संघर्ष और एकता का सच्चा अर्थ सिखाया। उनका नाम था नेल्सन मंडेला। मंडेला का जीवन प्रेरणादायक है
हमारी इच्छाएं असीमित हैं किन्तु हमारे साधन सीमित हैं। हमारे पास कितना भी धन हो जाये, हमारी कुछ इच्छाएं सदैव पूरी होने से वचिंत रहेंगी। जब तक हम अपने वर्तमान से संतुष्ट होना नहीं सीखते हम दुखी रहेंगे।
बारिश थम चुकी थी। चारों ओर हरियाली छाई हुई थी। पानी से धुले पेड़ों पर एक नयी छटा दिख रही थी। मधुमक्खी एक खिले हुये फूल पर मडंरा रही थी। वह सारे उपवन में घूम-घूम कर अपने छत्ते पर ले जाने के लिये परागकण एकत्र कर रही थी।
एक घने वन में एक हरीश नामक हिरण और कालू कौआ दोनों रहते थे, दोनों में गहरी दोस्ती थी कालू कौआ सुबह उठकर ऊंचा उड़ता और हरी भरी घास का पता लगाता।
उन दिनों रामकृष्ण परमहंस बेहद बिमार थे, चारपाई से उठने की शक्ति भी उनमें नही बची थी उनके निकट संबंधी और भक्तगण उनकी इस दशा पर बेहद चिंतित थे।
रवि गरीब लड़का था। उसके पिताजी का निधन हो चुका था। उसकी माता घर पर सिलाई मशीन चलाकर मुहल्ले वालों के कपड़े सिलकर अपना तथा रवि का गुजारा चलाया करती।
दक्षिण भारत के राजा थे, उनका नाम था चेर। कम्बन उनके राजकवि थे। कम्बन ने ही तमिल में रामायण लिखी थी। राजा चेर के दरबार में बहुत से कवि थे। लेकिन राजा कम्बन को सबसे ज्यादा मानते थे।