Moral Story: कहाँ गयी तीसरी बकरी
रोहित और मोहित बड़े शरारती बच्चे थे, दोनों 5वीं स्टैण्डर्ड के स्टूडेंट थे और एक साथ ही स्कूल आया-जाया करते थे। एक दिन जब स्कूल की छुट्टी हो गयी तब मोहित ने रोहित से कहा, ‘‘दोस्त, मेरे दिमाग में एक आईडिया है?’’
रोहित और मोहित बड़े शरारती बच्चे थे, दोनों 5वीं स्टैण्डर्ड के स्टूडेंट थे और एक साथ ही स्कूल आया-जाया करते थे। एक दिन जब स्कूल की छुट्टी हो गयी तब मोहित ने रोहित से कहा, ‘‘दोस्त, मेरे दिमाग में एक आईडिया है?’’
एक गुरूजी थे, उनके आश्रम में कुछ शिष्य शिक्षा प्राप्त कर रहे थे। एक बार बातचीत में एक शिष्य ने पूछा - गुरूजी, क्या ईश्वर सचमुच है? गुरूजी ने कहा- ईश्वर अगर कहीं है तो वह हम सभी में है।
एक अमीर आदमी का सिर्फ एक बेटा था। उसका बेटा बुरी संगत में पड़ गया था। उसमें बुरी आदतें आ गई थीं। वह आदमी अपने बेटे की आदतों से बहुत चिंतित था। उसने पूरी कोशिश की कि वह अपने बेटे की बुरी आदतों को सुधार सके।
एक बूढ़ा रास्ते से कठिनता से चला जा रहा था। उस समय हवा बड़े ज़ोरों से चल रही थी। अचानक उस बूढ़े का हैट हवा से उड़ गया। उसके पास ही दो लड़के स्कूल जा रहे थे। उनसे बूढ़े ने कहा- मेरा हैट उड़ गया है, उसे पकड़ो।
शहर के बाहरी हिस्से में मल्टी नेशनल कम्पनी में काम करने वाले एक सेल्स मैनेजर अपनी पत्नी और दो बच्चों के साथ रहते थे। वह रोज सुबह काम पर निकल जाते और देर शाम को घर लौटते।
एक नदी के किनारे उसी नदी से जुड़ा एक बड़ा जलाशय था। जलाशय में पानी गहरा होता है, इसलिए उसमें काई तथा मछलियों का प्रिय भोजन जलीय सूक्ष्म पौधे उगते हैं। ऐसे स्थान मछलियों को बहुत रास आते हैं।
ईसा मसीह अपने निकट आने वाले हर छोटे बड़े इंसान पर समान रूप से प्रेम बरसाते थे। एक दिन वह अनेक दुखी पीड़ित लोगों से मिल रहे थे, तभी उनके कुछ विरोधी वहां आ पहुँचे। उन्हें ईसा मसीह का यह आचरण नागवार गुजरा।