Motivational Story: सच्चाई की दौलत
बहुत पुरानी बात है। गाजीपुर रियासत में अहमद नाम का एक व्यक्ति रहता था। अहमद बेहद सच्चा और ईमानदार था। इसलिए पूरे गाजीपुर में सभी उसकी इज्जत करते थे। एक बार अहमद को किसी काम से बाहर जाना पड़ा।
बहुत पुरानी बात है। गाजीपुर रियासत में अहमद नाम का एक व्यक्ति रहता था। अहमद बेहद सच्चा और ईमानदार था। इसलिए पूरे गाजीपुर में सभी उसकी इज्जत करते थे। एक बार अहमद को किसी काम से बाहर जाना पड़ा।
धर्मपुर के राजा मंगलदेव बड़े ही प्रतापी थे। उनकी कीर्ति दूर-दूर तक फैली हुई थी। मंगलदेव हमेशा अपनी प्रजा के हित के बारे में सोचते रहते थे इसी कारण वहां की प्रजा उन्हें बहुत चाहती थी। मंगलदेव का एक पुत्र था बलवन्तदेव।
एक राजा था, राजा का नाम था वीरभद्र। राजा वीरभद्र के चार पुत्र थे। चारों राजकुमार बहुत होनहार थे। समय बीतने के साथ-साथ राजा भी वृद्ध हो चला। एक दिन वह मंत्री को बुला कर बोला "महामंत्री, मैं तो अब बूढ़ा हो चला हूं।
एक था सियार। बेहद कामचोर और आलसी। दिन भर अपनी मांद में पड़ा रहता था। उसकी पत्नी भी उससे परेशान थी। बच्चों के लिए खाना उसे ही लाना पड़ता था। लेकिन ऐसे कितने दिनों तक चलता।
किसी जमाने में एक गरीब आदमी अपना खेत जोत रहा था। कि उसके हल की फल किसी कठोर चीज से टकरायी। उस व्यक्ति ने बैलों को रोक दिया और यह देखने के लिए झुका कि वह कया चीज है। चीज देख कर वह अचम्भे में पड़ गया।
डॉ. गोयबेल्स हिटलर के प्रसार मंत्री थे। एक दफा उन्होंने एक वृद्ध यहूदी पादरी से कहा "यहूदी, सुना है कि तुम लोग अपने धर्मग्रंथ 'तालमुद' पर आधारित एक विशेष तरह के तर्क का प्रयोग करते हो।
राजस्थान के दक्षिण में एक छोटा-सा आदिवासी गांव है राजपुर। यहां के लोगों के अपने रीती-रिवाज, परम्पराएं व रहन-सहन के तरीके हैं। स्वतन्त्रता के बाद गांव की तरक्की हुई है। लोग पढ़ने-लिखने भी लगे। यह इसी गांव की कहानी है।