Fun Story: धूर्त वैद्य
एक था राजा, उसके राज्य की प्रजा बहुत सुखी और समृद्ध थी। लेकिन खुद वह बेचारा बहुत दुखी रहता था। इसका कारण राजा के चेहरे व पैरों में कुछ सफेद निशान थे। उसने अनेक वैद्यों से इसका इलाज करवाया लेकिन कोई लाभ नहीं हुआ।
एक था राजा, उसके राज्य की प्रजा बहुत सुखी और समृद्ध थी। लेकिन खुद वह बेचारा बहुत दुखी रहता था। इसका कारण राजा के चेहरे व पैरों में कुछ सफेद निशान थे। उसने अनेक वैद्यों से इसका इलाज करवाया लेकिन कोई लाभ नहीं हुआ।
बहुत दिन पहले एक रात रामगढ़ राज्य में चार चोर चोरी करने निकले। उन दिनों राज्य का राजा रात के समय भेष बदलकर जनता के दुख दर्द जानने के लिए घूमा करता था। संयोग से उन चोरों का सामना राजा से हो गया। राजा ने पूछा, ‘तुम लोग कौन हो?
मां का अंतिम संस्कार करके शोक संतप्त युवा बेटे ने अपने दुखी पिता को कहा? ‘‘पिता जी, आप भी हमारे साथ आकर क्यों नहीं रहते?’’ वृद्ध पिता पहले तो कुछ झेंप सा गया और फिर कहने लगा।
महाभारत के अद्वितीय योद्धा महाबली भीम के बल और पौरूष में तुलना करने वाला उस समय कोई नहीं था। इनका जन्म वायु देव के अंग से हुआ था। इनके जन्म के समय यह आकाशवाणी हुई थी, कि यह कुमार बलवानों से सर्वश्रेष्ठ होगा।
महेश और राजेन्द्र दोनों पड़ोसी थे। वे साथ ही स्कूल जाया करते और साथ ही वापस आते थे। महेश बहुत मोटा पर भोला था, जबकि राजेन्द्र पतला-दुबला और बेहद शैतान था। महेश पढ़ाई-लिखाई में राजेन्द्र से अधिक तेज़ था।
संत दादू दयाल अपनी सादगी और सहनशीलता के लिए सर्वत्र विख्यात थे। एक बार एक थानेदार घोड़े पर सवार होकर उनके दर्शन को चल पड़ा। संत दादू फटे-पुराने वस्त्र पहने एक पेड़ की छाया में बैठे कुछ काम कर रहे थे।
देवर्षि नारद को अभिमान हो गया कि उनसे बड़ा भक्त त्रिलोक में कोई नहीं है। एक दिन वह भगवान विष्णु से पूछ बैठे, ‘भगवान, आपका सबसे बड़ा भक्त कौन है।’ भगवान नारद के मन की बात ताड़ गए।