Moral Story: मैंने झूठ बोला था
एक बालक था, नाम था उसका राम। उसके पिता बहुत बड़े पंडित थे। वह बहुत दिन जीवित नहीं रहे। उनकी मृत्यु के बाद राम की माँ अपने भाई के पास आकर रहने लगी। वह एकदम अनपढ़ थे। ऐसे ही पूजा-पाठ का ढोंग करके जीविका चलाते थे।
एक बालक था, नाम था उसका राम। उसके पिता बहुत बड़े पंडित थे। वह बहुत दिन जीवित नहीं रहे। उनकी मृत्यु के बाद राम की माँ अपने भाई के पास आकर रहने लगी। वह एकदम अनपढ़ थे। ऐसे ही पूजा-पाठ का ढोंग करके जीविका चलाते थे।
एक महिला अस्पताल में भर्ती थी वह ब्रेन ट्यूमर से पीड़ित थी। उसका बेटा और बाकी रिश्तेदार वही आस-पास खड़े थे। और कुछ ही घंटो बाद उसकी मृत्यु हो गयी।
भोलू हाथी के माता-पिता का स्वर्गवास हो गया था। वह हाथियों के झुंड में रहता था, लेकिन कोई भी हाथी उसे पसंद नहीं करता था। कोई भी उस छोटे से भोलू को अपने साथ नहीं रखना चाहता था।
एक आठ साल का लड़का गर्मी की छुट्टियों में अपने दादा जी के पास गाँव घूमने आया। एक दिन वो बड़ा खुश था, उछलते-कूदते वो दादाजी के पास पहुंचा और बड़े गर्व से बोला, "जब मैं बड़ा होऊंगा तब मैं बहुत सफल आदमी बनूँगा।
एक छोटे से गाँव में भोलू नाम का एक गधा रहता था। वह गाँव बाकी दुनिया से बिलकुल कटा हुआ था, न वहां कोई आता था और न वहां से कोई कहीं जाता था। एक बार गधे ने सोचा क्यों ना जंगल के उस पार जाकर देखा जाए कि आखिर उस तरफ है क्या?
रोहित और मोहित बड़े शरारती बच्चे थे, दोनों 5वीं स्टैण्डर्ड के स्टूडेंट थे और एक साथ ही स्कूल आया-जाया करते थे। एक दिन जब स्कूल की छुट्टी हो गयी तब मोहित ने रोहित से कहा, ‘‘दोस्त, मेरे दिमाग में एक आईडिया है?’’
एक अमीर आदमी का सिर्फ एक बेटा था। उसका बेटा बुरी संगत में पड़ गया था। उसमें बुरी आदतें आ गई थीं। वह आदमी अपने बेटे की आदतों से बहुत चिंतित था। उसने पूरी कोशिश की कि वह अपने बेटे की बुरी आदतों को सुधार सके।