Stories Moral Story: सॉरी सर टोनी अपनी कक्षा में एक नम्बर के शरारती बच्चों में गिना जाता है। पढ़ने से मन चुराना उस की आदत थी। अपने किसी सहपाठी से वह इतनी चालाकी और सावधानी से शरारत करके फिर अपनी सीट पर ऐसे जा बैठता। By Lotpot 09 Mar 2024
Stories Moral Story: संदीप की सूझ बूझ संदीप सक्सेना आठवीं कक्षा में पढ़ता था। स्कूल में उसके दोस्तों की संख्या काफी कम थी। उसका सबसे अच्छा दोस्त जितेन्द्र था। एक दिन जितेन्द्र स्कूल नहीं आया। कक्षा में बैठे संदीप का मन भी पढ़ाई में नहीं लग रहा था। By Lotpot 08 Mar 2024
Stories Fun Story: मुंशी जी गिरे धड़ाम बहुत पुरानी बात है। हमारे गांव में एक सज्जन रहते थे, नाम था उनका मुंशी सजधज लाल, जैसा नाम था, वैसा ही काम भी था, मुंशी जी घर से बाहर जब भी निकलते, तब रेशमी कुर्ता, साफ सुथरी धोती पहनते। By Lotpot 08 Mar 2024
Stories Jungle Story: जो आज़ाद वो सुखी एक कौवा एक वन में रहा करता था, उसे कोई कष्ट नहीं था और वह अपने जीवन से पूरी तरह संतुष्ट था। आजादी से जब चाहे, जहां चाहे, उड़ता फिरता था। एक दिन उड़ते हुए वह एक सरोवर के किनारे पहुँचा। By Lotpot 07 Mar 2024
Stories Moral Story: विद्वेष की भावना उन दिनों बनारस नगरी में शीतल नाम के एक ज्ञानी जी रहते थे, वे शांत प्रकृति एवं नेक दिल इंसान थे। उनकी धैर्य शीलता और दयालुता के कारण कई लोग उन्हें त्याग एवं तपस्या का साक्षात देवता कहकर पुकारते थे। By Lotpot 07 Mar 2024
Stories Jungle Story: शब्दों की ताकत एक नौजवान चीता पहली बार शिकार करने निकला। अभी वो कुछ ही आगे बढ़ा था कि एक लकड़बग्घा उसे रोकते हुए बोला, “अरे छोटू, कहाँ जा रहे हो तुम?” “मैं तो आज पहली बार खुद से शिकार करने निकला हूँ!” By Lotpot 06 Mar 2024
Stories Moral Story: कठिन परीक्षा का फल पेड़ की सबसे ऊँची डाली पर लटक रहा नारियल रोज नीचे नदी मेँ पड़े पत्थर पर हंसता और कहता, "तुम्हारी तकदीर मेँ भी बस एक जगह पड़े रहकर, नदी की धाराओँ के प्रवाह को सहन करना ही लिखा है। By Lotpot 06 Mar 2024
Stories Moral Story: किसी का दोष न देखो भगवान बुद्ध के एक शिष्य ने एक दिन भगवान तथागत् के चरणों में प्रणाम किया और वह हाथ जोड़कर खड़ा हो गया। भगवान ने उससे पूछा- “तुम क्या चाहते हो?” शिष्य बोला- ''भगवन्! यदि आज्ञा दें, तो मैं देशाटन करना चाहता हूँ।'' By Lotpot 05 Mar 2024
Stories Motivational Story: मैं गपोड़ी नहीं उसका नाम वीर बहादुर था दुबली-पतली काया और नाटे कद का स्वामी वीर बहादुर राधेपुर गांव में रहता था। वह दुनिया में अकेला था न मां बाप। पत्नी और बच्चे भी नहीं, कोई कहता कि उसने शादी नहीं की तो कोई पत्नी के चल बसने की बात कहता। By Lotpot 05 Mar 2024