Jungle Story: तरीका
एक नन्हा परिंदा उड़ान भरने की कोशिश करता लेकिन बार-बार कुछ ऊपर उठकर गिर जाता दूर से एक अनजान परिंदा अपने मित्र के साथ बैठा यह सब गौर से देख रहा था। कुछ देर बाद वह उसके करीब पहुंचा।
एक नन्हा परिंदा उड़ान भरने की कोशिश करता लेकिन बार-बार कुछ ऊपर उठकर गिर जाता दूर से एक अनजान परिंदा अपने मित्र के साथ बैठा यह सब गौर से देख रहा था। कुछ देर बाद वह उसके करीब पहुंचा।
उस दिन भी पहले पूरब दिशा लाल हुई और तब नये साल का सूरज उग आया। हरी मखमली घास पर फैला कोहरा सूखने लगा और काफी देर बाद जब सर्दी काफी कम हो गई तो मोटा मेंढ़क अपने गर्म घर को छोड़कर बाहर निकल आया।
एक जंगल था, उस जंगल में बहुत से जानवर रहते थे। शेर भी रहता था। वह बूढ़ा हो चला था। उसे शिकार करने में कठिनाई होती थी। बड़े दिनों से उसे कोई शिकार नहीं मिला था। इसलिए उसने अपने साथी ऊंट को ही अपना शिकार बना लिया।
बहुत समय पहले की बात है एक सरोवर में बहुत सारे मेंढक रहते थे। सरोवर के बीचों-बीच एक बहुत पुराना धातु का खम्भा भी लगा हुआ था जिसे उस सरोवर को बनवाने वाले राजा ने लगवाया था। खम्भा काफी ऊँचा था और उसकी सतह भी बिलकुल चिकनी थी।
एक बार की बात है कि एक बाज का अंडा मुर्गी के अण्डों के बीच आ गया। कुछ दिनों बाद उन अण्डों में से चूजे निकले, बाज का बच्चा भी उनमे से एक था। वो उन्ही के बीच बड़ा होने लगा। वो वही करता जो बाकी चूजे करते।
दो टैडपोल एक कुएं में बड़ी मस्ती से घूम रहे थे। दोनों अपनी पूंछ हिलाते और बाकी मेंढकों को अपना खेल दिखाते। उनकी शैतानियाँ देखकर एक वयस्क मेंढक बोला, “जितनी पूंछ हिलानी है हिला लो, कुछ दिन बाद ये गायब हो जायेगी।’’
एक जंगल मे एक शेर रहता था। उसी जंगल में एक सूअर का परिवार भी रहता था। सूअर का परिवार अपने खाली समय में जंगल में बने एक तालाब के कीचड़ में लोट पोट होता रहता था। सूअर के बच्चे तालाब के कीचड़ में उछल कूद करते रहते थे।