Moral Story: समझौता और कड़ी मेहनत का मोल
एक उच्च शिक्षा प्राप्त युवक एक बड़ी कम्पनी में नौकरी के लिये गया। वह पहले साक्षात्कार में सफल हो गया। कम्पनी के निर्देशक ने उसे अन्तिम साक्षात्कार के लिए बुलाया। युवक एक प्रतिभाशाली छात्र रहा था।
एक उच्च शिक्षा प्राप्त युवक एक बड़ी कम्पनी में नौकरी के लिये गया। वह पहले साक्षात्कार में सफल हो गया। कम्पनी के निर्देशक ने उसे अन्तिम साक्षात्कार के लिए बुलाया। युवक एक प्रतिभाशाली छात्र रहा था।
किसी दूर गाँव में एक धोबी रहता था। धोबी रोज़ लोगों के घर-घर जाता और लोगों के गंदे कपड़े धोने के लिए लेकर आता था। धोबी के पास एक गधा था जिस पर वो कपड़े लादकर लाया और ले जाया करता था।
एक राजा था, उसका एक बड़ा-सा राज्य था। एक दिन उसे देश घूमने का विचार आया और उसने देश भ्रमण की योजना बनाई और घूमने निकल पड़ा। जब वह यात्रा से लौट कर अपने महल आया।
एक ज्ञानी ने राजकुमार को तीन छोटी गुड़ियों का सेट तोहफे के रूप में दिया। राजकुमार उस तोहफे को देखकर हैरान हुआ और उसने पूछा, ‘क्या मैं लड़की हूं जो आप मुझे यह गुड़ियाँ दे रहे हैं?’
एक बालक था, नाम था उसका राम। उसके पिता बहुत बड़े पंडित थे। वह बहुत दिन जीवित नहीं रहे। उनकी मृत्यु के बाद राम की माँ अपने भाई के पास आकर रहने लगी। वह एकदम अनपढ़ थे। ऐसे ही पूजा-पाठ का ढोंग करके जीविका चलाते थे।
एक महिला अस्पताल में भर्ती थी वह ब्रेन ट्यूमर से पीड़ित थी। उसका बेटा और बाकी रिश्तेदार वही आस-पास खड़े थे। और कुछ ही घंटो बाद उसकी मृत्यु हो गयी।
भोलू हाथी के माता-पिता का स्वर्गवास हो गया था। वह हाथियों के झुंड में रहता था, लेकिन कोई भी हाथी उसे पसंद नहीं करता था। कोई भी उस छोटे से भोलू को अपने साथ नहीं रखना चाहता था।