Motivational Story: भगवान की गोद
कुछ माह पूर्व मेरे एक मित्र ने शिकायत की, कि उसके पास प्रार्थना के लिए कोई समय ही नहीं बचता क्योंकि 3 घंटे तो उसके कार्यस्थल तक आने और जाने में ही बर्बाद हो जाते हैं और शेष समय उसका काम करते हुए गुजर जाता है।
कुछ माह पूर्व मेरे एक मित्र ने शिकायत की, कि उसके पास प्रार्थना के लिए कोई समय ही नहीं बचता क्योंकि 3 घंटे तो उसके कार्यस्थल तक आने और जाने में ही बर्बाद हो जाते हैं और शेष समय उसका काम करते हुए गुजर जाता है।
कहते हैं ईश्वर हर जगह स्वंय भौतिक रूप में नहीं रह सकते अतः उन्होने माँ बनाई। माँ के कदमों में जन्नत होती है। ‘माँ’ शब्द में सारे संसार का स्नेह छलकने लगता है। उसके दरबार में सारे गुनाह माफ हो जाते हैं।
स्वतंत्रता दिवस का एक दिन शेष था। विद्यालय में बच्चों ने दिनभर 15 अगस्त के कार्यक्रमों की तैयारी की। शशांक भी पूरे दिन की तैयारी से थक कर लौटा था। सोते समय वह माँ से कहने लगा- ‘माँ! मैं सोने के लिए जा रहा हूँ।
एक बार एक व्यक्ति स्वेट मार्डेन के पास आया और उनसे बोला, ‘सर, मैं काम करने की इच्छा रखता हूँ, लक्ष्य मैंने निर्धारित कर लिया है और आवश्यक साधन भी मेरे पास हैं।
पुराने समय की बात है रत्नपुर राज्य में रामसिंह नामक एक राजा राज करता था। उसकी रानी का नाम रूपवती था। वह बहुत सुन्दर थी राजा उसे इस कदर चाहता था कि गंभीर मामलों में भी अपनी रानी की सलाह लिए बिना काम नहीं करता था।
राजू आज भी नित्य की भांति स्कूल से घर की ओर अकेला चल पड़ा था। पहले तो उसके पापा स्कूल छोड़ने जाते थे। छुट्टी हो जाने पर ले आते थे। किन्तु जब से वह कक्षा दस में गया, तब से वह अकेला ही स्कूल से घर और घर से स्कूल आता-जाता था।
महान दार्शनिक सुकरात के पास एक बार एक नौजवान लड़का आया। इस लड़के ने सुकरात से पूछा, ‘कृपया बताएं, सफलता का रहस्य क्या है? वह लड़के की बात सुनकर थोड़ी देर चुप रहे फिर उन्होंने कहा, ‘मैं तुम्हें इसका उत्तर कल दूँगा।