Moral Story: स्वार्थी आदमी
एक समय की बात है, एक स्वार्थी आदमी था, उसे हर चीज़ खुद के लिए रखना पसंद था। वह अपनी चीज़ें किसी के साथ नहीं बांटता था, यहां तक कि वह अपनी चीज़ें अपने दोस्तों और गरीबों को भी नहीं देता था।
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एक समय की बात है, एक स्वार्थी आदमी था, उसे हर चीज़ खुद के लिए रखना पसंद था। वह अपनी चीज़ें किसी के साथ नहीं बांटता था, यहां तक कि वह अपनी चीज़ें अपने दोस्तों और गरीबों को भी नहीं देता था।
दक्षिण उड़ीसा के एक छोटे से गांव में एक लकड़हारा रहता था। एक दिन जब वह जंगल में लकड़ी काटने जा रहा था तब उसे एक बाघ मिला। लकड़हारा जंगल के इस राजा को देखकर रुक गया, लेकिन हैरानी यह हुई कि लकड़हारे को देखकर भी बाघ दहाड़ा नहीं, वह शांत रहा।
एक दिन एक आदमी अपने गधे पर दो गेहूं की बोरी रखकर बाज़ार की तरफ जा रहा था। थोड़े समय बाद वह थक गया था और आराम करने के लिए वह पेड़ के नीचे बैठ गया। जब वह सोकर उठा तो उसे अपना गधा नहीं दिखा और उसने इधर उधर अपने गधे को ढूंढना शुरू किया।
एक समय की बात है एक जंगल में एक तोता रहता था। वह बहुत सुंदर था, उसकी चोंच और पंख बहुत ज़्यादा सुंदर थे। उस तोते के साथ उसका छोटा भाई भी रहता था, वह दोनों जंगल में खुशी खुशी रहते थे।
एक समय की बात है, एक चिड़िया पिंजरे में बंद थी और वह अपने व्यापारी मालिक के लिए गाती थी। व्यापारी उस चिड़िया की आवाज़ का इतना कायल था कि वह दिन रात उसका गाना सुनता था और खुश होकर उसे सोने के बर्तन में पानी देता था।
शिमला के पास पालमपुर नाम का एक छोटा गांव था। उस गांव के लोग साधारण काम करने वाले लोग थे जो अपनी रोज़मर्रा के खर्चे को बहुत मुश्किल से कमाते थे।उस गांव के पास एक छोटा गांव था, जहां पर थोड़े समय में एक छोटा बाज़ार बन गया था।
साइंटिस्ट आइंसटीन के ड्राइवर ने एक बार आइंस्टीन से कहा-'सर, मैने हर बैठक में आपके द्वारा दिए गए हर भाषण को याद किया है। आइंस्टीन ने हैरानी से उसे देखा और कहा -ठीक है, अगले आयोजक मुझे नहीं जानते।