Moral Story : कर्म का फल
एक गाँव में एक छोटा लड़का रहता था, जिसका नाम रमन था। रमन बहुत ही शरारती और जिद्दी था। उसे किसी की बात मानने का बिल्कुल मन नहीं करता था। वह हमेशा दूसरों को परेशान करने में मज़ा लेता था।
एक गाँव में एक छोटा लड़का रहता था, जिसका नाम रमन था। रमन बहुत ही शरारती और जिद्दी था। उसे किसी की बात मानने का बिल्कुल मन नहीं करता था। वह हमेशा दूसरों को परेशान करने में मज़ा लेता था।
एक घना जंगल था, जहाँ तरह-तरह के जानवर रहते थे। उन्हीं में दो बिल्लियाँ, मीना और टीना, बहुत अच्छी दोस्त थीं। दोनों साथ में खेलतीं, दौड़तीं और एक-दूसरे के साथ अपनी छोटी-छोटी खुशियाँ बांटती थीं।
शहर के एक बड़े स्कूल में रोहन नाम का एक लड़का पढ़ता था। रोहन बहुत ही होशियार था, लेकिन उसकी एक आदत थी – वह मेहनत करने से हमेशा बचता था। पढ़ाई में अच्छे अंक लाने के लिए भी वह शॉर्टकट ढूंढता रहता था।
घने जंगल में एक बड़ा सा बरगद का पेड़ था। उसी के पास एक आलसी भालू भोलू रहता था। भोलू को सोना और आराम करना बहुत पसंद था। वह खाने के लिए भी ज्यादा मेहनत नहीं करता था
काली मक्खी अन्य सभी मक्खियों से मोटी और तगड़ी थी। ताकत में भी वह सभी से बढ़कर थी। यही कारण था कि वह अपने दल की रानी थी। रानी होने के नाते वह अपने कर्त्तव्य का पालन पूरी तरह करती।
सोनजूही छोटा सा गांव था। धरमचन्द वहाँ का मुखिया था । उसके पास काफी खेती बाड़ी थी । फसल भी खूब होती। किसी चीज की कमी उसे नहीं थी। जाड़े का मौसम था । धरमचन्द के पास एक कोट था बहुत पुराना ।
यों तो आठवीं कक्षा के सभी बच्चे एक से बढ़कर एक थे, जिसे देखों कोई न कोई शरारत करता रहता था, पर अतुल तो पूरी कक्षा में पहले स्थान पर आता था ।