गहरे जंगल का राज़: एक नई दोस्ती की कहानी
जंगल का राज़- गहरे जंगल के अंदर, एक बहुत बड़ा और रहस्यमय इलाका था, जिसे सभी जानवर "काले पेड़ों का जंगल" कहते थे। इस जंगल में कोई भी जानवर आसानी से नहीं जाता था
जंगल का राज़- गहरे जंगल के अंदर, एक बहुत बड़ा और रहस्यमय इलाका था, जिसे सभी जानवर "काले पेड़ों का जंगल" कहते थे। इस जंगल में कोई भी जानवर आसानी से नहीं जाता था
भोली चुहिया कमरे के एक कोने में अपने चार बच्चों के साथ बैठी थी। बच्चे अभी केवल एक दिन के ही थे इसलिए मम्मी चुहिया उन पर बहुत ध्यान दे रही थी।
फुरफुरी वन में नया साल आने वाला था और सभी जानवर जोरों-शोरों से तैयारियों में जुटे थे। छोटे से चिल्लू गिलहरी की मम्मी ने भी अपने मेहमानों के स्वागत के लिए ढेर सारी मूंगफलियां खरीद रखी थीं।
एक हरे-भरे जंगल में एक सुंदर मोर रहता था। उसकी चमकीली, रंग-बिरंगी पंखों वाली पूंछ देखकर सभी जानवर उसकी प्रशंसा करते थे। वह हर सुबह नदी किनारे जाकर अपने पंख फैलाकर नाचता और अपने ही रूप में मगन हो जाता।
एक बार की बात है, एक बड़ा हाथी और एक छोटा मच्छर था। हाथी बहुत बड़ा और मजबूत था, जबकि मच्छर बहुत छोटा और हल्का था। भले ही वे आकार में अलग-अलग थे, लेकिन उन दोनों में अपने-अपने खास गुण थे
लोटपोट जंगल वन में एक मोरी नाम का एक सुंदर मोर और बबलू नाम का एक मज़ेदार बंदर था। वे बचपन से ही दोस्त थे, लेकिन वे एक-दूसरे से बहुत अलग थे। मोरी को नाचना और अपने रंग-बिरंगे पंख दिखाना बहुत पसंद था
जंगल के एक हरे-भरे इलाके में खरगोश चिंटू और बंदर मोंटी रहते थे। दोनों अच्छे दोस्त थे और अक्सर मिलकर खेला करते थे। एक दिन चिंटू ने कहा, "मोंटी, क्यों न आज हम जंगल की गहरी जगह पर जाएँ और वहां कुछ नया खोजें?"