Moral Story: व्यवहार
ईसा मसीह अपने निकट आने वाले हर छोटे बड़े इंसान पर समान रूप से प्रेम बरसाते थे। एक दिन वह अनेक दुखी पीड़ित लोगों से मिल रहे थे, तभी उनके कुछ विरोधी वहां आ पहुँचे। उन्हें ईसा मसीह का यह आचरण नागवार गुजरा।
ईसा मसीह अपने निकट आने वाले हर छोटे बड़े इंसान पर समान रूप से प्रेम बरसाते थे। एक दिन वह अनेक दुखी पीड़ित लोगों से मिल रहे थे, तभी उनके कुछ विरोधी वहां आ पहुँचे। उन्हें ईसा मसीह का यह आचरण नागवार गुजरा।
भगवान श्रीकृष्ण को उज्जयिनी के सुविख्यात विद्वान और धर्मशास्त्रों के प्रकांड पंडित ऋषि संदीपनी के पास विद्या अध्ययन के लिए भेजा गया। ऋषि संदीपनी भगवान श्रीकृष्ण और सुदामा को एक साथ बिठाकर शास्त्रों की शिक्षा देने लगे।
किसी गांव में एक किसान रहता था, उसकी एक सुन्दर बेटी थी। दुर्भाग्यवश, गांव के जमींदार से उसने बहुत सारा धन उधार लिया हुआ था। जमींदार बूढ़ा था। किसान की सुदंर बेटी को देखकर उसे उसके साथ विवाह करने की इच्छा हुई।
मनोहारी वन में एक बड़ा तालाब था। उस तालाब के किनारे एक दुर्बुद्धी नामक बगुला रहता था। वह बूढ़ा था इसलिये असमर्थ था। बूढ़ा होने पर अधिक मछलियाँ नहीं पकड़ सकता था।
न जाने क्यों अचानक सम्राट की नींद उड़ गई। वे अपने शयनकक्ष से बाहर निकल आये। चारों ओर सन्नाटा था। अभी पहरेदार ने बारह घंटे बजाये थे। महल के एक ओर बैठक में दीपक जल रहा था।
बहुत पहले की बात है। चंपक वन में भाँति-भाँति प्रकार के पौधे थे। इस वन में पक्षीराज गरूड़ रहा करते थे। वे बड़ी पारखी नजर रखते थे। पंछियों के गुण दोष वे एक नजर मे ही परख लिया करते।
शहर से बाहर एक बुढ़िया का बहु मंजिला मकान था उस मकान में बुढ़िया अकेले नीचे वाले फ्लोर पर रहती थी एक रात एक चोर उसके घर में घुसा। खटपट से बुढिया की आंख खुल गई।