Fun Story: भेद खुल गया
Web Stories: इधर गांव में कुछ दिनों से लगातार चोरियां होने लगी थीं। हर रात किसी न किसी के घर में चोर छुसते और जो भी उनके हाथ आता, लूट ले जाते थे। चोरी की इन बढ़ती
Web Stories: इधर गांव में कुछ दिनों से लगातार चोरियां होने लगी थीं। हर रात किसी न किसी के घर में चोर छुसते और जो भी उनके हाथ आता, लूट ले जाते थे। चोरी की इन बढ़ती
Web Stories : रतन और रोज़ी भाई बहन थे। दोनों अपनी विधवा मां के साथ एक गांव में रहते थे। एकबार पास के ही गांव में मेला लगा हुआ था। रतन और रोज़ी के दोस्त मेला देख आए थे।
किसी नगर में एक सेठ रहता था जिसने अपनी मेहनत से खूब धन कमाया और शहर में ही अपने नाम की पांच दुकानें खोलीं, सेठ को इस बात का बहुत घमंड था वह रोज अपने सेठानी से आकर कहता था।
इधर गांव में कुछ दिनों से लगातार चोरियां होने लगी थीं। हर रात किसी न किसी के घर में चोर छुसते और जो भी उनके हाथ आता, लूट ले जाते थे। चोरी की इन बढ़ती घटनाओं से गांव के लोग चिंतित और भयभीत थे।
रतन और रोज़ी भाई बहन थे। दोनों अपनी विधवा मां के साथ एक गांव में रहते थे। एकबार पास के ही गांव में मेला लगा हुआ था। रतन और रोज़ी के दोस्त मेला देख आए थे। इन दोनों की भी इच्छा थी कि मेला देखने जाएं।
एक बार कि बात है की अमरीका के प्रधानमंत्री ने अपने विदेश मंत्री से कहा जरा भारत जाकर देखो कि कौन सी अच्छी वस्तु है। उनके साथ अन्य और कई मंत्री फौरन चलने को तैयार हो गये।
पहले मेरी हल्दी-धनिया तथा अन्य मसालों की दुकान थी। हल्दी नाक में घुसती थी, मिर्च आंखों को जलाती रहती थी और मैं सदा दुखी रहता था। आमदनी भी कुछ खास नहीं थी। दुकान चलती ही नहीं थी तो आमदनी कहां से होती?