Bal Kavita: सबकी करो मदद
एक बार अकबर ने बीरबल को कहा, ‘बीरबल, मुझे एक पेंटिंग बनाकर दो, उसमें अपनी सोच लगाना’। अकबर की बात सुनकर बीरबल ने जवाब दिया, ‘हुज़ूर, मैं एक मंत्री हूं। मैं कैसे एक पेंटिंग बना सकता हूं?’
मंगलवार और गुरुवार की दोपहर को नैंसी अपनी कला की कक्षा में जाती थी। वह उन दिनों की राह देखती थी जब वह पूरी दोपहर कलाकारी कर सकती थी। उसे चिकनी मिट्टी के खिलौने बनाना बहुत पसंद था।
एक बार की बात है, एक चरवाहा भेड़ों के झुंड की देख रेख करता था। एक दिन वह उदास महसूस कर रहा था और उसने गांव के लोगों को पागल बनाने के बारे में एक प्लान बनाया।
एक दिन एक आदमी अपने गधे पर दो गेहूं की बोरी रखकर बाज़ार की तरफ जा रहा था। थोड़े समय बाद वह थक गया था और आराम करने के लिए वह पेड़ के नीचे बैठ गया। जब वह सोकर उठा तो उसे अपना गधा नहीं दिखा और उसने इधर उधर अपने गधे को ढूंढना शुरू किया।
चारों ओर सुंदर वन में उदासी छाई हुई थी। वन को अज्ञात बीमारी ने घेर लिया था। वन के लगभग सभी जानवर इस बीमारी के कारण अपने परिवार का कोई न कोई सदस्य गवां चुके थे।
एक समय की बात है, एक राजा था जो बीमार था। उसके राज्य के सभी डॉक्टरों और बाहर के राज्य के डॉक्टरों के पास उनकी बीमारी का कोई ईलाज नहीं था। डॉक्टर उन्हें ठीक नहीं कर पा रहे थे।
Jungle Story भगवान का दूत: उल्लू वन में सिर्फ उल्लू ही रहते थे। इसलिए उन्हें यह पता नहीं था कि उनके सिवा कोई ऐसा पंछी होता है जो दिन में भी देख सकता हो। एक दिन अचानक उल्लू वन में एक काला, लंबी चोंच वाला कौआ आ पहुँचा। उसने चश्मा पहन रखा था। उसकी गर्दन में एक थैला लटक रहा था। रात होतेे ही वन के उल्लू झुण्ड बनाकर उस विचित्र पंछी को देखने पहुँचे। एक उल्लू ने पास आकर उससे पूछा, आप कौन है? और कहाँ से आये हैं?