बाल कहानी : जैसा कार्य वैसा बल
नर्मदा नदी के किनारे एक गांव था - कमलपुर। वहां एक बुढ़िया रहती थी, जिसका एक ही बेटा था - विक्रम। वह बेहद बलशाली था। हर कोई उसकी ताकत से डरता था,
नर्मदा नदी के किनारे एक गांव था - कमलपुर। वहां एक बुढ़िया रहती थी, जिसका एक ही बेटा था - विक्रम। वह बेहद बलशाली था। हर कोई उसकी ताकत से डरता था,
किसी गांव में डिसिल्वा, फ्रांसिस, लोबो और जॉन नाम के चार दोस्त रहा करते थे। ये चारों एक ही कक्षा में पढ़ते थे और साथ-साथ गांव के पास के स्कूल में जाते थे।
एक दिन एक नई घड़ी की मुलाकात एक बहुत पुरानी और बूढ़ी घड़ी से हो गई। बूढ़ी घड़ी की शक्ल देखकर ही पता चलता था कि वह काफी पुरानी है, लेकिन उसकी चाल में अब भी काफी चुस्ती थी।
गांव के साप्ताहिक बाजार के बाहर एक व्यापारी अपने मिट्टी के बर्तन एक बोरे में भर रहा था। उसने ज्यादा से ज्यादा बर्तन उस बोरे मे ठूंस दिए कि तभी अचानक उसकी नजर एक मजदूर पर पड़ी।
जब अमित ने ऐलान किया कि वह एक विदेशी लड़की से विवाह करेगा तो घर में तूफान आ गया। “जिस लड़की से तुम विवाह करने जा रहे हो वह क्रिश्चियन है क्या?
कठिन परिस्थितियों में हम सभी आम तौर पर बाहर से सहायता की अपेक्षा करते हैं। अधिकतर लोग यह नहीं जानते कि समस्या का समाधान उनके स्वंय के अन्दर ही निहित है।
नवाब अमीरूल्लाह के पास वो सभी चीजें थीं जो एक आदमी को खुश रहने के लिए चाहिए होती हैं। उसकी एक खूबसूरत बीवी थी, एक होशियार औलाद थी और जमीन जायदाद इतनी थी कि एक खुशहाल जिंदगी जीने के लिए काफी पैसा मिल जाता था।