Stories Moral Story: अच्छाई का फल भोलू हाथी के माता-पिता का स्वर्गवास हो गया था। वह हाथियों के झुंड में रहता था, लेकिन कोई भी हाथी उसे पसंद नहीं करता था। कोई भी उस छोटे से भोलू को अपने साथ नहीं रखना चाहता था। By Lotpot 30 Jan 2024
Stories Fun Story: जब पापा ने बनाए मटर वाले चावल हमेशा ही मम्मी और रसोई का नाता रहा है। मैंने आज तक पापा को रसोई से पानी का गिलास खुद लेकर पीते नहीं देखा। पापा सरकारी अफसर हैं इसलिए दफ्तर के साथ साथ घर पर भी खूब रौब चलाते हैं। By Lotpot 30 Jan 2024
Stories Motivational Story: पत्थर का बच्चा दागिस्तान एक खुश्क मरूस्थल है, जहां चारों ओर रेत और पत्थरों के सिवाय कुछ भी नजर नहीं आता। वहां एक खुश्क मैदान के बीच एक छोटा सा पत्थर खड़ा है। जो एक बच्चे के समान प्रतीत होता है। By Lotpot 29 Jan 2024
Stories Jungle Story: शेर फल क्यों नहीं खाता है? मबावा नाम का एक सियार था, एक दिन उसने फलों से लदे पेड़ को खोज निकाला। उसने पेड़ से गिरे पके रसीले फल इकठ्ठे किये और बस उनका स्वाद लेकर खाने बैठा ही था कि उसे दूर से आती शेर की दहाड़ सुनाई दी। By Lotpot 29 Jan 2024
Stories Jungle Story: मित्र की सलाह एक धोबी का गधा था। वह दिन भर कपड़ों के गट्ठर इधर से उधर ढोने में लगा रहता। धोबी स्वयं कंजूस और निर्दयी था। अपने गधे के लिए चारे का प्रबंध नहीं करता था। बस रात को चरने के लिए खुला छोड़ देता। By Lotpot 29 Jan 2024
Stories Fun Story: गोनू झा की चतुराई मिथिला नरेश की सभा में उनके बचपन का मित्र परदेश आया था। नरेश उन्हें अपने अतिथि कक्ष में ले गए। उन्होंने अपने मित्र की खूब आवभगत की। अचानक मित्र की नजर दीवार पर लगे एक चित्र पर गई। By Lotpot 29 Jan 2024
Stories Jungle Story: गिद्ध की उड़ान एक घने जंगल में गिद्धों का एक झुण्ड रहता था। गिद्ध झुण्ड बनाकर लम्बी उड़ान भरते और शिकार की तलाश किया करते थे। एक बार गिद्धों का झुण्ड उड़ते उड़ते एक ऐसे टापू पर पहुँच गया जहां पर बहुत ज्यादा मछली और मेंढक खाने को थे। By Lotpot 28 Jan 2024
Stories Fun Story: वफादारी का पुरस्कार लाला पीतांबरलाल धरमपुरा रियासत के दीवान थे। पचास गांव की इस छोटी-सी रियासत के राजा शिवपालसिंह एक कर्तव्यनिष्ठ, दयालु और प्रजा के हित में काम करने वाले धर्म प्रिय राजा थे। By Lotpot 28 Jan 2024
Stories Moral Story: डाकू अंगुलिमाल और महात्मा बुद्ध बहुत पुरानी बात है मगध राज्य में एक सोनापुर नाम का गाँव था। उस गाँव के लोग शाम होते ही अपने घरों में आ जाते थे। और सुबह होने से पहले कोई भी घर के बाहर कदम भी नहीं रखता था, इसका कारण डाकू अंगुलिमाल था। By Lotpot 28 Jan 2024