Moral Story: हर चीज़ में भगवान हैं
एक गुरूजी थे, उनके आश्रम में कुछ शिष्य शिक्षा प्राप्त कर रहे थे। एक बार बातचीत में एक शिष्य ने पूछा - गुरूजी, क्या ईश्वर सचमुच है? गुरूजी ने कहा- ईश्वर अगर कहीं है तो वह हम सभी में है।
एक गुरूजी थे, उनके आश्रम में कुछ शिष्य शिक्षा प्राप्त कर रहे थे। एक बार बातचीत में एक शिष्य ने पूछा - गुरूजी, क्या ईश्वर सचमुच है? गुरूजी ने कहा- ईश्वर अगर कहीं है तो वह हम सभी में है।
शहर के बाहरी हिस्से में मल्टी नेशनल कम्पनी में काम करने वाले एक सेल्स मैनेजर अपनी पत्नी और दो बच्चों के साथ रहते थे। वह रोज सुबह काम पर निकल जाते और देर शाम को घर लौटते।
एक बार एक शक्तिशाली राजा घने वन में शिकार खेल रहा था। अचानक आकाश में बादल छा गए और मूसलाधार वर्षा होने लगी। सूर्य अस्त हो गया और धीरे-धीरे अँधेरा छाने लगा। अँधेरे में राजा अपने महल का रास्ता भूल गया।
एक नदी के किनारे उसी नदी से जुड़ा एक बड़ा जलाशय था। जलाशय में पानी गहरा होता है, इसलिए उसमें काई तथा मछलियों का प्रिय भोजन जलीय सूक्ष्म पौधे उगते हैं। ऐसे स्थान मछलियों को बहुत रास आते हैं।
एक बार की बात है, राजा भोज दिन भर की व्यस्तता के बाद गहरी नींद में सोए हुए थे। स्वप्न में उन्हें एक दिव्य पुरूष के दर्शन हुए। उस दिव्य पुरूष के चारों ओर उजला आभा मंडल था। भोज ने बड़ी विनम्रता से उनका परिचय पूछा।
एक व्यक्ति ने भगवान बुद्ध से पूछा, ‘‘जीवन का मूल्य क्या है?’’ बुद्ध ने उसे एक चमकता पत्थर दिया और कहा, ‘‘इसका मूल्य पता करके आओ लेकिन ध्यान रखना इसको बेचना नहीं है।’’ वह व्यक्ति बाजार में एक संतरे वाले के पास गया।
एक लड़की थी, जिसका नाम था सोनिया। वह बहुत कम बोलती थी, लड़ाई-झगड़ा तो दूर की बात थी। वह अपनी कक्षा में अध्यापक से भी कोई प्रश्न नहीं करती थी। इसीलिए सभी उसे संकोची लड़की के नाम से जानते थे।