Moral Story: दौड़
एक दस वर्षीय लड़का रोज अपने पिता के साथ पास की पहाड़ी पर सैर को जाता था। एक दिन लड़के ने कहा, ‘‘पिताजी चलिए आज हम दौड़ लगाते हैं, जो पहले चोटी पर लगी उस झंडी को छू लेगा वो रेस जीत जाएगा"।
एक दस वर्षीय लड़का रोज अपने पिता के साथ पास की पहाड़ी पर सैर को जाता था। एक दिन लड़के ने कहा, ‘‘पिताजी चलिए आज हम दौड़ लगाते हैं, जो पहले चोटी पर लगी उस झंडी को छू लेगा वो रेस जीत जाएगा"।
एक शहर में एक धनवान व्यक्ति रहता था। वह बहुत बड़ा व्यवसायी था और उसके पास किसी भी वस्तु की कमी नहीं थी लेकिन फिर भी वह हमेशा चिंतित और बेचैन रहता था। एक दिन वह एक गाँव में ऋषि से मिलने उनके आश्रम गया।
एक दिन एक आदमी टैक्सी से एयरपोर्ट जा रहा था। टैक्सी वाला कुछ गुनगुनाते हुए बड़े इत्मीनान से गाड़ी चला रहा था कि अचानक एक दूसरी कार पार्किंग से निकल कर रोड पर आ गई। टैक्सी वाले ने तेजी से ब्रेक लगाई।
एक बार भगवान बुद्ध अपने शिष्यों के साथ कहीं जा रहे थे। उनके प्रिय शिष्य आनंद ने भगवान बुद्ध से रास्ते में सवाल किया- भगवान ‘जीवन में पूर्ण रूप से शांति कभी भी नहीं मिल पाती। कुछ उपाय बताएं।
किसी दूर गाँव में एक धोबी रहता था। धोबी रोज़ लोगों के घर-घर जाता और लोगों के गंदे कपड़े धोने के लिए लेकर आता था। धोबी के पास एक गधा था जिस पर वो कपड़े लादकर लाया और ले जाया करता था।
एक राजा था, उसका एक बड़ा-सा राज्य था। एक दिन उसे देश घूमने का विचार आया और उसने देश भ्रमण की योजना बनाई और घूमने निकल पड़ा। जब वह यात्रा से लौट कर अपने महल आया।
एक ज्ञानी ने राजकुमार को तीन छोटी गुड़ियों का सेट तोहफे के रूप में दिया। राजकुमार उस तोहफे को देखकर हैरान हुआ और उसने पूछा, ‘क्या मैं लड़की हूं जो आप मुझे यह गुड़ियाँ दे रहे हैं?’