Moral Story: बापू का प्रकृति प्रेम
बापू प्रकृति प्रेमी थे। वे कभी किसी वृक्ष की टहनी नहीं तोड़ते, कभी फूल भी नहीं तोड़ते। नदी से सिर्फ उतना ही पानी लेते जितनी आवश्यकता होती। एक दिन जमनालाल बजाज ने चुटकी ली- ''बापूजी।
बापू प्रकृति प्रेमी थे। वे कभी किसी वृक्ष की टहनी नहीं तोड़ते, कभी फूल भी नहीं तोड़ते। नदी से सिर्फ उतना ही पानी लेते जितनी आवश्यकता होती। एक दिन जमनालाल बजाज ने चुटकी ली- ''बापूजी।
फोर्ड मोटर के मालिक हेनरी फोर्ड दूनिया के चुनिंदा धनी व्यक्तियों में शुमार किए जाते थे। एक बार एक भारतीय उद्योगपति भारत में मोटर कारखाना लगाने से पहले फोर्ड से सलाह करने अमेरिका गए।
एक नाविक तीन साल से एक ही जहाज पर काम कर रहा था। एक दिन नाविक रात में नशे में धुत हो गया। ऐसा पहली बार हुआ था। कैप्टन ने इस घटना को रजिस्टर में इस तरह दर्ज किया।
किसी गांव में एक भक्त रहता था लोगों का मानना था कि उन्हें ईश्वर ने दर्शन दिए हैं, इसलिये गांव में उनकी बड़ी मान्यता थी। एक दिन गांव में बाढ़ आई। भक्त के चाहने वाले उन्हें बचाकर अपने साथ ले जाने के लिए उनके पास पहुंचे।
राजेश और अनुराग बहुत गहरे दोस्त थे दोनों एक ही कक्षा में पढ़ते थे। लेकिन दोनों के स्वभाव में अंतर था। राजेश किसी भी बात पर जल्दी गुस्सा हो जाता था। इसीलिए उसका किसी न किसी से झगड़ा हो जाता था।
विनोद एक बहुत शरारती लड़का था वह माता-पिता का इकलौता बेटा था उन के लाड-प्यार से इतना बिगड़ चुका था कि उसको समझाना बिल्कुल व्यर्थ होकर रह गया था वह स्कूल में जाता तो शरारत करता राहगीरों को परेशान करता।
एक व्यापारी के दो बेटे थे। जहाँ वह अपने छोटे बेटे को तोहफे देकर ढेर सारा प्यार देता था वहीं वह अपने बड़े बेटे की बेइज्ज़ती करता रहता था। किसी को नहीं पता था कि वह अपने बड़े बेटे से नफरत क्यों करता था।