Moral Story: नव वर्ष का संकल्प
राजेश और अनुराग बहुत गहरे दोस्त थे दोनों एक ही कक्षा में पढ़ते थे। लेकिन दोनों के स्वभाव में अंतर था। राजेश किसी भी बात पर जल्दी गुस्सा हो जाता था। इसीलिए उसका किसी न किसी से झगड़ा हो जाता था।
राजेश और अनुराग बहुत गहरे दोस्त थे दोनों एक ही कक्षा में पढ़ते थे। लेकिन दोनों के स्वभाव में अंतर था। राजेश किसी भी बात पर जल्दी गुस्सा हो जाता था। इसीलिए उसका किसी न किसी से झगड़ा हो जाता था।
विनोद एक बहुत शरारती लड़का था वह माता-पिता का इकलौता बेटा था उन के लाड-प्यार से इतना बिगड़ चुका था कि उसको समझाना बिल्कुल व्यर्थ होकर रह गया था वह स्कूल में जाता तो शरारत करता राहगीरों को परेशान करता।
एक व्यापारी के दो बेटे थे। जहाँ वह अपने छोटे बेटे को तोहफे देकर ढेर सारा प्यार देता था वहीं वह अपने बड़े बेटे की बेइज्ज़ती करता रहता था। किसी को नहीं पता था कि वह अपने बड़े बेटे से नफरत क्यों करता था।
सुन्दर वन में चारों ओर हरियाली छाई हुई थी। मौसम कुछ ऐसा था कि कब आंधी आ जाये, इसका कोई ठिकाना नहीं था। मौसम के बदलते रूख से वन के पशु-पक्षी बेचैनी का अनुभव कर रहे थे उसी वन के निवासी एक मादा तोते ने दो अंडे दिये।
एक बार कक्षा में किसी अध्यापक ने बारह वर्षीय प्रफुल्ल से यूं ही पूछा, ‘पढ़ लिखकर तुम क्या बनना चाहोगे?’ ‘डाक्टर झट से उसने जवाब दिया। ‘डाक्टर ही क्यों?’ क्योंकि हमारे देश में अधिकतर लोग गरीब हैं।
एक किसान के दो बेटे थे रमन और हरीश। रमन बड़ा था और हरीश छोटा था। किसान दिन रात मेहनत करता था। वह चाहता था कि किसी तरह उसके दोेनों लड़के पढ़ लिख जाएं। लेकिन रमन को पढ़ाई लिखाई से जितना लगाव था।
एक बार एक आदमी को अपने गार्डन में टहलते हुए किसी टहनी से लटकता हुआ एक तितली का कोकून दिखाई पड़ा। अब हर रोज वो आदमी उसे देखने लगा, और एक दिन उसने नोटिस किया कि उस कोकून में एक छोटा सा छेद बन गया है।